7th Pay Commission : हाल ही में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 27 मार्च के दिन ही 4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी का फैसला सुनाया था। कर्मचारियों का यह महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हो चुका है। 2 महीने बाद ही मई के महीने में एक बार फिर कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। मार्च महीने में 4 फ़ीसदी बढ़ोतरी होने के बाद महंगाई भत्ता 42 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है। लेकिन अब एक और बड़ी खबर सामने आ रही है।
खबर आ रही है कि जुलाई 2023 के लिए सरकार एक बार फिर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर सकती है। भारतीय बैंक संघ द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का निर्धारण किया जाता है जो AICPI आंकड़ों के अनुसार होता है। जनवरी फरवरी-मार्च के AICPI आंकड़े जारी किए जा चुके हैं जिनके अनुसार महंगाई भत्ता 3 फ़ीसदी तक बढ़ सकता है और यह 45 फ़ीसदी तक जा सकता है।

इंडेक्स में हुई कितनी तेजी
अभी तक जनवरी, फरवरी और मार्च के AICPI आंकड़े सामने आए हैं जिनके आधार पर महंगाई भत्ता 3 फ़ीसदी अधिक हो गया है लेकिन अभी अप्रैल, मई और जून के आंकड़े आना बाकी है। फरवरी में यह आंकड़े गिरकर 132.7 अंक तक आ गए थे लेकिन मार्च में इन आंकड़ों में 0.6 अंक की बढ़ोतरी हुई और ये 133.3 तक पहुंच गया। इस तरह महीने के आधार पर 0.45 फीसदी और सालाना आधार पर इसमें 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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वर्तमान में DA की दर है 42 फीसदी
मार्च के महीने में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फ़ीसदी बढ़ाया गया है जिसके बाद ये 38 फ़ीसदी से बढ़कर 42 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है। लेकिन अब जानकारी मिली है कि जुलाई के महीने के लिए महंगाई भत्ते में एक बार फिर बढ़ोतरी की जा सकती है। यह महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हो चुका है। लेकिन अगर जुलाई के महीने में इसमें 3 फीसदी बढ़ोतरी हो जाती है तो यह 45 फ़ीसदी तक पहुंच जाएगा।
कौन जारी करता है आंकड़े
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि एआईसीपीआईएन दर के आंकड़ों के आधार पर ही कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तय किया जाता है। कर्मचारियों के लास्ट वर्किंग डे के हिसाब से ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़े श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं। AICPI Index को 88 केंद्रों और पूरे देश के लिए बनाया गया है।
फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग
सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते नए साल में दो बार संशोधन किया जाता है। लेकिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर की जाती है। अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी करती है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी भी बढ़ जाती है। इससे पहले कर्मचारियों की सैलरी में फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से 2.57 गुना बढ़ोतरी की गई थी। लेकिन कर्मचारी साल 2017 से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों के अनुसार फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी होने से उनकी बेसिक सैलरी और कुल वेतन में इजाफा हो जाता है। सूत्रों से पता चला है कि सरकार अगले साल फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने को लेकर कोई फैसला ले सकती है।