Retirement Age : कर्मचारियों की रिटायरमेंट ऐज में की गई बढ़ोतरी, जाने क्या है रिटायर होने की नई उम्र
Retirement Age : यह तो आप लोगों को पता है कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष होती हैं। लेकिन अब सरकार नया फैसला लेने जा रही है और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि करने जा रही है। कर्मचारियों द्वारा की सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि वह सेवानिवृत्ति की आयु में बढ़ोतरी करें। इसी पर फैसला लेते हुए सरकार अब कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि करते हुए उनकी उम्र 2 साल बढ़ा रही हैं। इस फैसले के बाद सरकारी कर्मचारी 60 साल की जगह 62 साल की आयु में सेवानिवृत्त होंगे।
लेकिन आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया है और राज्य के होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 2 वर्ष तक बढ़ा दी गई है। वर्तमान समय में होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल है जिसे अब बढ़ाकर 62 साल कर दिया गया है।

सेवानिवृत्ति की आयु में 2 साल बढ़ोतरी
लखनऊ हाई कोर्ट की एक बेंच ने फैसला लेते हुए कहा है कि अब होम्योपैथी के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल की जगह 62 साल कर दी गई है। लेकिन एलोपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु पहले से ही 62 वर्ष है। लखनऊ हाई कोर्ट की बेंच ने फैसला लेते हुए बताया है कि यह समानता के नियमों के विरुद्ध इसलिए होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु की 2 साल बढ़ा दी गई है।
सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल से 62 साल हुई
इस मामले में होम्योपैथी डॉक्टर एसके यादव की याचिका पर विवेक चौधरी की खंडपीठ ने आदेश दिया है। 29 मई 2017 को प्रांतीय एलोपैथिक डॉक्टर की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई थी। लेकिन होम्योपैथिक डॉक्टरों को इसका लाभ नहीं दिया गया। उसके बाद 31 दिसंबर 2021 को एसके यादव की याचिका पर होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु की 2 वर्ष बढ़ा दी गई है।
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हाईकोर्ट का अहम फैसला
भारत संघ में दिल्ली में एलोपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। लेकिन इसके बाद आयुष चिकित्सक की सेवानिवृत्ति आयु भी 65 वर्ष तक बढ़ा दी गई है।
सेवानिवृत्ति की आयु 2 वर्ष बढ़ाई गई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा एलोपैथी और आयुष चिकित्सकों जो ट्रेनिंग कर रहे है उनके वर्गीकरण पर विचार किया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा है कि दोनों डॉक्टरों को एक समान ही माना जाएगा यह भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसा काम किया जाएगा कि दोनों की सेवानिवृत्ति की आयु एक जैसी ही हो।
इसके अलावा खंडपीठ ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि यह दोनों वर्ग ही उपचार के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं इसलिए ये समानता के पात्र नहीं है। यह तकनीक पूर्ण रूप से भेदभाव वाली और अनावश्यक है, इसके अलावा भारत के संविधान के लेखा-जोखा 14 अधिनियम के तहत अनुरूप और संगति है। इसलिए सरकार अब होम्योपैथी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के ऊपर विचार कर रही है। इस तरह उनकी सेवानिवृत्ति की आयु में 2 वर्ष की बढ़ोतरी हो जाएगी।