Central Government News: देश में बढ़ती महंगाई को मध्य नजर रखते हुए केंद्र सरकार ने अभी कई फैसले लिए हैं। देश में लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने जनता की परेशानी को समझा है और अब चीजों की कीमतों में कमी करने का फैसला लिया है। कमी करने से मतलब है कि सरकार अब इन चीजों की कीमतें नहीं बढ़ाएगी और स्थिर रखेगी। सरकार लगातार गेहूं और चावल की कीमतों पर रोक लगाने के लिए अनाज के स्टॉक को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।
गेहूं और चावल की कीमतें स्थिर रखने के बारे में सरकार विचार कर रही है और इस बार सरकार की चावल खरीद विपणन सत्र 2022-23 में बढ़कर 5.58 करोड़ टन के पार हो चुकी है। इसके अलावा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी लगातार किसानों से चावल और गेहूं की खरीद कर रही है।
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि इस बार 1.22 करोड़ किसानों को 1.7 लाख करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया है। आइए आपको बताते हैं कि चावल और गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए सरकार क्या क्या कदम उठा रही है और अब तक क्या फैसले लिए जा चुके हैं?

खाद्य मंत्रालय ने दी जानकारी
Central Government News: हाल ही में खाद्य मंत्रालय ने भी इस बारे में जानकारी देते हुए अपना बयान जारी किया है। खाद्य मंत्रालय के बयान के अनुसार रबी विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान गेहूं की खरीद अब तक 2.62 करोड़ टन हो चुकी है जो कि पिछले वर्ष कोई गेहूं की कुल खरीद से 1.88 करोड़ टन अधिक है।
इसके अलावा खाद्य मंत्रालय ने बयान दिया है कि मौजूदा समय में गेहूं और चावल की खरीद से सरकारी खाद्यान्न भंडार में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मौजूद है। आगे बताया कि गेहूं और चावल दोनों का स्टॉक मिलाकर कुल 5.7 करोड़ टन हो चुका है, जिससे देश की खाद्यधान की जरूरतें आराम से पूरी हो सकती है।
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FCI ने भी दिया बयान
Central Government News: आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य के साथ मिलकर गेहूं और धान की खरीद की जाती है। सबसे पहले बाजार से या किसानो से धान खरीदा जाता है और उसे बाद में मीलों में ले जाकर चावल में बदला जाता है। हालांकि भारतीय खाद्य निगम मंत्रालय के अनुसार मौजूदा खरीफ विपणन सत्र (सितंबर-अक्टूबर) में 19 जून तक कुल मिलाकर 8.3 करोड़ टन धान जो कि चावल के मामले में 5.58 करोड़ टन की खरीद की गई थी।
1.5 करोड़ टन चावल मिलना बाकी
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि अब तक इतना धान खरीदा जा चुका है कि चावल में बदलने के लिए अब तक केंद्रीय पूल में लगभग 4.01 करोड़ टन चावल मिल चुका है। लेकिन अब तक भी 1.5 करोड़ टन चावल की कमी है जो मिलना बाकी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई है जिससे देश के 1.22 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। मीडिया रिपोर्ट की जानकारी से पता चला है कि इन सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर 1.71 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।