EPFO Alert: वित्तीय सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। भारत में EPFO के जरिए कर्मियों को यह आर्थिक सुरक्षा दी जाती है आप सभी ने ईपीएफओ का नाम तो सुना ही होगा। अगर आप ईपीएफओ के बारे में नही जानते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है।आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ईपीएफओ क्या है और यह कैसे काम करता है?
इससे जुड़े सभी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही हम आपको बता दें कि ईपीएफओ का full form क्या है? तो आइए संक्षेप में ईपीएफओ के बारे में समझते हैं। और साथ साथ ये भी जानेंगे कैसे Epfo account बंद हो सकता है तो और इससे जुड़ी समसामयिक जानकारी…

EPFO Login – EPFO कैसे लॉगिन करें
EPFO क्या है? EPFO Latest Update: यह एक सेवानिवृत्ति लोगों के लिए योजना है, ईपीएफओ योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। ईपीएफ योजना के तहत, कर्मचारी और नियोक्ता के माध्यम से हर महीने राशि का योगदान किया जाता है।यह प्राप्त वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत है।इस योजना में कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए कंपनी के प्रतिशत का 8.33 प्रतिशत जमा किया जाता है।
ईपीएफओ, जिसका पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है, भारत के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आता है।इसका लक्ष्य कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लाभ प्रदान करना है। ईपीएफओ के तहत उद्यम के कर्मियों को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा से जुड़ी कई सुविधाएं दी जाती हैं।
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EPFO Full Form in Hindi
ईपीएफओ (EPFO full form in Hindi) का पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है। इसे अंग्रेजी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employment Provident fund Organisation) के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा निगम है जिसके माध्यम से भारत के कर्मियों को पेंशन, कवरेज आदि की सुरक्षा प्रदान की जाती है।
ईपीएफओ का full form
- EPFO में E का मतलब है- (Employe)
- P का अर्थ है – (Provident)
- F का अर्थ है – ( Fund)
- O का अर्थ है – (Organisation)
ईपीएफओ कैसे काम करता है?
EPFO News: कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश को वर्ष 1951 में प्रख्यापित किया गया था। 15 नवंबर, 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 में परिवर्तित हो गया।जम्मू-कश्मीर के बाद यह पूरे देश में लागू हो गया।ईपीएफओ का गठन 4 मार्च 1952 को हुआ था। ईपीएफओ का मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में है।जिसे केंद्र सरकार की मदद से संचालित किया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि भारत के जितने कर्मचारी भारत में लाभ कमा चुके हैं, वे सभी ईपीएफ के पात्र हैं।भविष्य निधि कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में योगदान उस समय से शुरू हो जाता है जब कर्मचारी संगठन में शामिल होता है।यह अंशदान साधारण आधार पर दिया जाता है।
अर्जित आय का एक छोटा सा भाग भविष्य निधि के रूप में जमा किया जाता है और इस भाग का उपयोग कर्मचारी द्वारा सेवानिवृति या विशेष परिस्थितियों में अर्थात काम न कर पाने की स्थिति में किया जाता है। प्रत्येक निगम और एजेंसी के कार्यकर्ता द्वारा,कमाई का 12 फीसदी प्रॉविडेंट फंड में जमा होता है। भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत निगम और एजेंसी के कर्मचारी के माध्यम से भी योगदान दिया जाता है।
ईपीएफ की ब्याज दरें
- 12 महीने 1952-53 में ईपीएफ का ब्याज 3 % हो गया।
- सन् 1952-53 के बाद वर्ष 1955-56 में इस ब्याज दर का विस्तार हुआ और इसे बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया।
- 1972-73 में इसकी ब्याज की कीमत 6% हो गई।
- 1988-89 से 1999-2000 तक ईपीएफ ब्याज 12 फीसदी हो गया।
ईपीएफओ की मदद से योजनाएं चलती हैं
ईपीएफओ की मदद से तीन योजनाएं चलाई जा रही हैं जो इस प्रकार हैं –
1- कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF-कर्मचारी भविष्य निधि योजना)
2- कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-कर्मचारी पेंशन निधि योजना)
3- कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (EDLI- कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना)
कब बंद होता है ईपीएफ खाता ?
यदि आपका पुराना काम बंद हो गया है और आपने अपना पैसा नए उद्यम के खाते में ट्रांसफर नहीं किया है या यदि 36 महीने तक इस खाते से कोई लेनदेन नहीं हुआ है, तो 3 साल के बाद यह खाता स्वतः बंद हो जाएगा और कर सकते हैं ,ईपीएफ के इनएक्टिव खाते को डिलीवर किया जाए। इतना ही नहीं इस खाते से पैसे निकालने में भी आपको काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।आप बैंक की मदद से केवाईसी के जरिए पैसा निकाल सकते हैं। हालाँकि, ब्याज आपके निष्क्रिय खाते के लिए भी अर्जित करना जारी रखता है।
क्या है ईपीएफओ की तैयारी?
ईपीएफओ ने कुछ समय पहले अपने एक दौर में कहा था कि निष्क्रिय खाते से जुड़े दावों को निपटाने में सावधानी बरतना जरूरी है। धोखाधड़ी के खतरे को कम करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी और वास्तविक दावेदारों को घोषित खाते की घोषणा करनी होगी।
निष्क्रिय खाता क्या है?
भविष्य निधि खाता जिनमें अंशदान राशि 36 माह से अधिक समय से हमेशा जमा नहीं होती है, ईपीएफओ उन्हें निष्क्रिय खाते की श्रेणी में रखता है।हालांकि, निष्क्रिय खाते पर भी ब्याज होता है।
कौन प्रमाणित होता है?
निष्क्रिय PF Account से जुड़े दावे को निपटाने के लिए यह जरूरी है कि कर्मचारी का व्यवसाय उस दावे को प्रमाणित करे।हालांकि, ऐसे कर्मियों के मामले में जिनका व्यवसाय या काम बंद हो गया है और दावा प्रमाणित करने के लिए कोई नहीं है, बैंक केवाईसी दस्तावेजों के आधार पर ऐसे दावे को प्रमाणित करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
EPFO का Full Form क्या है?
ईपीएफओ का Full Form कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident fund Organisation) है।
EPFO क्या है?
ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत की एक योजना है, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद पंजीकृत कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा दी जाती है। ऐसे सभी समूह जिनमें कर्मियों की सीमा 20 से अधिक है, उस निगम को ईपीएफओ के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
ईपीएफओ के माध्यम से कितनी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है?
EPFO 3 योजनाएं चला रहा है- कर्मचारी भविष्य निधि योजना, कर्मचारी पेंशन योजना और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना।
EPFO के लिए पात्रता क्या होनी चाहिए?
भारत में पैसा कमाने वाले सभी कर्मियों को पात्र माना जाता है, इसी प्रकार ऐसे सभी कर्मियों के लिए अनिवार्य है जिनकी आय 15 हजार रुपये से कम है, वे स्वयं को ईपीएफ से जोड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
हम आशा करते है कि आपको हमारा आज का ये लेख पसंद आया होगा। इस लेख में हमने आपको EPFO से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है, साथ ही वर्तमान में EPFO की ब्याज दरें, EPFO की समस्या आदि से अवगत कराने की कोशिश की गई है, अगर इससे जुड़े किसी भी प्रश्न का उत्तर आपको जानना हो, तो हमे नीचे कमेंट बॉक्स में जरूरी पूछे, धन्यवाद।