Summer Cooling : गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और देश के कई इलाकों में भयंकर गर्मी पड़ रही है जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। जब घर से बाहर निकलता है तो उसे चिलचिलाती धूप में गर्मी की तपन महसूस होती है और वह छांव में रुक कर 2 मिनट आराम करता है लेकिन जब घर आता है तो वह AC या कूलर की ठंडी हवा में बैठकर आराम करता है। कूलर की ठंडी ठंडी हवा मिलने से उसके मन को शांति मिलती है और उसकी जान में जान आ जाती है।
आजकल बाजार में कई तरह की डिजाइन और क्वालिटी वाले कूलर आ चुके हैं। हर कोई बेहतरीन कुलिंग देने का वादा करता है लेकिन इस गर्मी के मौसम में मिडिल क्लास फैमिली हर बार नया कूलर घर में नहीं ला सकती है। इसलिए गर्मी का मौसम आते ही वह उसमें लगने वाली जाली में घास को बदलते है जिससे ठंडी हवा उन्हे मिलती है।
लेकिन आजकल मार्केट में कूलर में लगने वाली घास की जगह और भी गई थी जाने लग गई है जो शानदार कुलिंग देती है। आजकल बाजार में घास के अलावा हनीकॉम्ब पैड भी आने लगे है, लेकिन लोगों को समझ में नहीं आता कि इन दोनों में से ज्यादा ठंडी हवा कौनसी चीज देगी? आइये हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते है।

अगर आपको भी कूलर की ठंडी हवा खानी है तो इसमें लगने वाले मैटेरियल से ही इसकी कुलिंग पर असर पड़ता है। कूलर की जालियों में कुलिंग पैड लगे होते है जो पानी को ठंडा करते है और उनमे से पानी गिरता है जिसके साथ ही हवा भी ठंडी होकर पूरे कमरे में फैल जाती है। लेकिन बाजार में हनीकॉम्ब आने के बाद से ही लोगों की कंफ्यूजन बढ़ गई है कि घास और हनीकॉम्ब में से कौनसी चीज उन्हें इस्तेमाल करनी चाहिए?
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेल्यूलोस मैटेरियल से बना हुआ हनीकॉम्ब देखने में एकदम मधुमक्खी के छते जैसा लगता है। जानकारो का कहना है कि हनीकॉम्ब बाहर से आने वाली हवा को जल्दी ठंडा कर देता है और इसके साथ ही इसमें पानी को ज्यादा समय तक स्टोर करने की क्षमता भी है।
लेकिन कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हनीकॉम्ब में बड़े छेद होते हैं और इस कारण बाहर से आने वाली गर्म हो अभी कमरे के अंदर चली जाती और कमरा उतना ज्यादा ठंडा नहीं हो पाता है। लेकिन लकड़ी की घास वाले पैड में पानी अच्छे से चलता है और गर्म हवा भी अंदर नहीं जाती है। इसलिए कमरा जल्दी ठंडा हो जाता है।
फायदे और नुकसान
देखा जाए तो इन दोनों ही चीजों के अपने अपने फायदे और नुकसान होते हैं। कुछ की क्वालिटी अच्छी होती है और वह लंबे समय तक चलते हैं तो कुछ कम कीमत में ही हमें मिल जाते हैं। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि लकड़ी की घास वाले पैड में बहुत ही जल्दी धूल और मिट्टी चिपक जाती है और इस कारण हर साल हमें इसे बदलना पड़ता है। लेकिन हनीकॉम्ब की बात करें तो इसमें ज्यादा मेंटेनेस की जरूरत नहीं है और ये 2-3 साल तक आराम से चलते है।
इसी तरह इनकी क्वालिटी और यूज़ के अनुसार इनकी कीमत में भी काफी ज्यादा अंतर होता है। लकड़ी की घास वाली पैड 100-120 रुपये में आ जाती है तो हनीकॉम्ब आपको 800-1500 रुपये में मिलता है।