Sawan 2023 : हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार अब जल्द ही सावन का महीना शुरू होने वाला है। सावन का महीना शुरू होते ही सभी लोगों को भगवान शिव की याद आने लगती है क्योंकि यह महीना उसके लिए विशेष होता है। सावन के महीने में भक्त भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए काफी पूजा करते हैं औरधार्मिक अनुष्ठान की करते हैं। इसके अलावा लोग सावन के हर सोमवार का व्रत भी शिव जी को प्रसन्न करने के लिए करते हैं। इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और सावन पूरे 2 महीने का यानी 59 दिनों का है।
इस महीने को भगवान शिव और माता पार्वती के लिए विशेष माना जाता है और शिव जी के साथ ही माँ गौरी की भी विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से सुखी दांपत्य जीवन, संतान सुख और अखंड सौभाग्य जैसा आशीर्वाद महिलाओं को मिलता है।
इस बार सावन का शुभारंभ 4 जुलाई से होगा और इसका 29 अगस्त श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा। इस बार सावन में अधिक मास जुड़ा हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के पहले दिन की कई शुभ संयोग बन रहे हैं और काशी के ज्योतिषाचार्य पाणिचक्र भट्ट ने पहले दिन बनने वाले 3 शुभ संयोग के बारे में बताया है। आइये जानते है इनके बारे में……

सावन का पहला दिन
Sawan 2023: इस बार सावन का पहला दिन 4 जुलाई मंगलवार और कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को है। लेकिन आपको बता दें कि 4 जुलाई को सावन प्रतिपदा की तिथि 1:38 बजे तक है। इसके बाद सावन का दूसरा दिन यानी द्वितीय तिथि शुरू हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार प्रतिपदा तिथि को इंद्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र है। इस दिन पूर्वाषाढा नक्षत्र सूर्योदय से लेकर 8:25 बजे तक है। इसके बाद उत्तराषाढा नक्षत्र शुरू हो जायेगा। इसके अलावा इंद्र योग सूर्योदय से लेकर दोपहर 11:50 बजे तक है और उसके बाद वैधृति योग है। लेकिन इंद्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र ही शुभ माने जाते है।
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सावन के पहले दिन 3 शुभ संयोग
Sawan 2023: आइये आपको बताते है कि इस बार सावन के पहले दिन कौनसे 3 शुभ संयोग बन रहे है…..
- इस दिन सबसे बड़ा शुभ संयोग है कि पहले दिन ही मंगला गौरी का व्रत है। मंगला गौरी के व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं माता गौरी के साथ भगवान शिव की पूजा करती है। माता को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है और देवी पार्वती और भोलेनाथ की कृपा से संतान सुख, अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन मिलता है।
- इसके अलावा सावन के पहले दिन त्रिपुष्कर का योग दोपहर 1:38 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 5:28 बजे तक रहेगा। अगर कोई भी व्यक्ति त्रिपुष्कर योग में पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान करता है तो उसका दिन बना फल व्यक्ति को मिलता है।
- सावन के पहले दिन तीसरा शुभ संयोग शिववास का है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के पहले दिन सूर्योदय से ही शिववास मां गौरी के साथ है। शिववास में ही रुद्राभिषेक करते है और ये दोपहर 1:38 बजे तक रहेगा। जो भी कोई सावन में रुद्राभिषेक कराना चाहते है उनके लिए ये शुभ संयोग है।